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व्यास मुनि के पास जाकर भीमसेन ने पुकार की कि मेरी पूज्य माता कुन्ती व पूज्य भ्राता युधिष्ठिर तथा अर्जुन, नकुल, सहदेव द्रोपदी सहित एकादशी का व्रत करते हैं और मुझे भी शिक्षा देते हैं कि अन्न मत
श्रीकृष्ण जी बोले- हे युधिष्ठिर ! आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम योगनी है। इसके महात्म्य की एक पौराणिक कथा कहता हूँ-अलकापुरी में शंकर के भगत कुबेर जी रहते थे, पूजा के लिए हेममाल
भगवान कृष्ण बोले- हे युधिष्ठिर ! श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम कामिका है। इसका महात्म्य लोक हितार्थ एक समय देवर्षि नारद ने पितामह भीष्म से पूछा। उन्होंने इस पवित्र व्रत में
श्री कृष्णजी बोले- हे युधिष्ठिर ! श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पवित्र है। यह पुत्र की इच्छा पूर्ण करने वाली है। इस कारण इसका नाम पुत्रदा भी प्रसिद्ध है। इसमें गौ माता का पूज
भगवान कृष्ण बोले- हे धर्मपुत्र ! भादों मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अजा है। इसका महात्म्य गौतम मुनि ही जानते हैं, जिसने युगों का परिवर्तन कर दिया था। कथा इसकी ऐसे है- सूर्य वंश में 31
श्री कृष्णजी बोले- हे युधिष्ठिर ! भादों शुक्ला पक्ष की एकादशी का नाम वामन जयन्ती तथा परिवर्तिनी है। उसमें वामन भगवान की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु शयन मन्दिर में करवट बदलते हैं। इस
द्वारकानाथ जी बोले- हे धर्मपुत्र ! आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम इन्द्रा है। इसके महात्म्य की एक कथा कहता हूँ- एक समय देवर्षि नारद ब्रह्म लोक से यम लोक में आये। एक धर्मात्मा राजा को
श्री कृष्ण जी बोले- हे युधिष्ठिर ! आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पाशांकुशा है। यदि इसके व्रत में श्रद्धा भक्ति सहित भगवान विष्णु का पूजन किया जाये तो मन वांछित फल प्राप्त हो
धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! कार्तिक कृष्ण एकादशी का क्या नाम है? इसकी विधि क्या है ? इसके करने से क्या फल प्राप्त होता है। आप मुझे विस्तारपूर्वक बतायें। भगवान श्रीकृष्ण बोले कि का
भगवान कृष्ण बोले - हे युधिष्ठिर ! अधिक (लौंद) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पद्मनी है। इसमें मेरी और मेरी प्यारी वृषभानु दुलारी की तथा शिव पार्वती की पूजा की जाती है। इसकी विधि यह है-