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भगवान कृष्ण बोले- हे धर्म पुत्र ! अधिक (लौंद) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम परमा है। उन महात्म्य की कथा ऐसे है- कम्पिल्य नगर में सुमेधा नामक एक ब्राह्मण रहता था। उसकी स्त्री का नाम पवित्रा था, वह पतिव्रता था, अतिथि सत्कार भी करती थी। आप भूखी रह जाती थी, कारण कि सुमेधा ब्राह्मण दरिद्र था। एक दिन कौणिन्य मुनि उनके घर आये। पति और पत्नी ने उनका श्रद्धा भक्ति से पूजन किया और दरिद्
भगवान बन्शी वाले बोले- हे धर्मात्माओं में श्रेष्ठ युधिष्ठिर! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम देवशयनी है। ब्रह्मा जी ने नारद से कहा था आज के दिन भगवान विष्णु को शयन कराया जाता है। कार्तिक शुक्ला एकादशी को जागते हैं, चतुर्मास का व्रत इस एकादशी से प्रारंभ होता है। जो मनुष्य ब्रह्मचर्य का पालन कर चतुर्मास का व्रत करते हैं वह विष्णु भगवान को प्रिय हैं। शिव लोक में उसकी पू
श्रीकृष्ण जी बोले- हे युधिष्ठिर ! कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम प्रबोधनी है। इसमें भगवान विष्णु जागते हैं। इस कारण इसका नाम देवोत्थानी भी कहा गया है। इसके महात्म्य की कथा ब्रह्म जी ने नारद ऋषि से कही थी जिसके हृदय में प्रबोधनी एकादशी का व्रत करने की इच्छा उत्पन्न होती है उसके सौ जन्मों के पास भस्म हो जाते हैं और जो व्रत को विधि पूर्वक करता है उसके अनन्त जन्म के पा
श्री सूत जी ऋषियों को कहने लगे विधि सहित इस एकादशी व्रत का महात्म्य तथा जन्म की कथा भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाई थी, सतयुग में एक महाभयंकर राक्षस मुर नाम का प्रकट हुआ, उसने अपनी शक्ति से देवताओं को विजय किया और अमरावती पुरी से नीचे गिरा दिया, बिचारे मृत्युलोक की गुफाओं में निवास करने लगे और कैलाश पति की शरण पति की शरण में जाकर दैत्य के अत्याचारों का तथा अपने महान दुःख का वर्णन क
युधिष्ठिर बोले - हे भगवान कृष्ण ! अब आप मुझे 26 एकादशियों के नाम, व्रत विधि बतलाइए तथा किस देवता का पूजन करना चाहिए, यह भी कहिए भगवान जी बोले - मार्ग शीर्ष नाम शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम मोक्षदा है। यथा नाम तथा गुण अर्थात मोक्ष देने वाला व्रत है, बारह मासों में मैं मार्ग शीर्ष को उत्तम मानता हूँ। गीता में अर्जुन से कह चुका हूँ इससे कृष्ण पक्ष की एकादशी से प्रेम उत्पन्न होता है और श
भगवान कृष्ण बोले-हे युधिष्ठिर ! मैं दान स्नान तीर्थ, तप इत्यादि शुभ कर्मों से शीघ्र प्रसन्न नहीं होता हूँ, एकादशी व्रत करने वाला मुझे प्राणों के समान प्रिय लगता है। पौष मास के कृष्णा पक्ष की एकादशी का नाम सफला है, सब कार्यों को सफल बनाने वाली है। इसमें नारायण जी की पूजा होती है। ऋतु अनुसार फल-फूल तथा धूप दीप इत्यादि का पूजन करना चाहिए। महात्मा की कथा भी कहता हूँ, प्रेम से सुनो, च