All the Shyam devotees are welcome at our website www.babakhatushyam.com. On this page, you will find the full faith and devotional ekadashi vrat katha of Baba Khatushyam.So come and go deep in the devotion of Baba.
20.02.2024-Tuesday (Shukla Paksha)
श्री कृष्ण बोले - हे धर्म पुत्र ! माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम जया है। इसका महात्म्य पदम-पुराण में ऐसे लिखा है -
एक समय स्वर्गपुरी में इन्द्र के सामने गंधर्व गान कर रहे थे, अप्सरा नृत्य कर रही थीं। उसमें एक पुष्पवती नाम गन्धर्व की स्त्री और माल्यवान नामक मालिन का पुत्र भी था, वह दोनों परस्पर एक-दूसरे पर मोहित थे। उन्हें यह विचार न रहा कि इन्द्र की सभा में श्राप मिल जाएगा। परस्पर दोनों की दृष्टि लड़ने लगी। माल्यवान तो दीवाना बन, गाना भूल गया और पुष्पावती पगली बनकर नाचने का तार भूल गई। देवराज ने देखकर क्रोध किया और कहा तुम दोनों पिशाच योनि को प्राप्त करो, भरी सभा में अपमान करने वाले को ऐसा दण्ड दिया जाता है, अपवित्र जल और अपवित्र भोजन तुम्हारे योग्य है। ऐसा कहकर स्वर्ग से गिरा दिया। स्वर्गारोहण मार्ग द्वारा बद्रीनाथ में आये। यदि पापियों के देश में जाते तो खाना पीना मनमाना मिलता, परन्तु पाप से शीघ्र उद्धार न होता इस कारण उन्होंने प्रथम ही तपोभूमि पर निवास किया। कष्ट पाकर जीवन से उदास हो गये एक दिन भूख हड़ताल कर दी, रात्रि को बद्रीनाथ के गुण गाकर व्यतीत किया। प्रातःकाल हुआ तो उनकी पिशाच योनि छूट गई, स्वर्ग से विमान आये और उन्हें ऊपर चढ़ाकर कहा- कल जया एकादशी का दिन था, आपने भूलकर भूख हड़ताल कर दी और रात्रि जागरण कर प्रभु का गुणानुवाद गाया, उसके प्रभाव से आपको स्वर्ग में लिये जाते हैं।
फलाहार - इस दिन धूप दीप नैवेद्य से विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। इस दिन गूदगिरी के सांठे का सागार लिया जाना चाहिए।